Friday, September 4, 2009

अध्यापक के नाम अब्राहम लिंकन की पाती

यह चिट्ठी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम ने अपने बेटे के शिक्षक के लिखी थी लेकिन तबसे लेकर आज तक इसका दुनिया की भाषाओं में अनुवाद होकर स्वतः ही प्रचारित- प्रसारित होता गया।
शिक्षक दिवस के अवसर पर आज भी यह प्रासंगिक है। गौर फरमाएं---
हे अध्यापक!
मैं जानता हूँ कि उसे सीखना होगा
कि दुनिया में सभी लोग न्यायप्रिय नहीं होते,
सभी लोग सच्चे नहीं होते
किंतु उसे यह भी सिखाएं कि जहां
एक बदमाश होता है वहां एक नायक भी होता है
उसे यह भी बताएं कि
हर स्वार्थी नेता के जवाब में एक समर्पित नेता भी होता है
उसे बताइए कि जहाँ एक दुश्मन होता है वहां
एक दोस्त भी होता है
अगर आप कर सकते हैं
तो उसे ईर्ष्या से बाहर निकालें
खामोश हसीं का रहस्य बताएं
जल्दी यह सीखने दें कि गुंडई करने वाले
बहुत जल्दी चरण स्पर्श करते हैं
अगर पढ़ा सकें तो उसे किताबों के आश्चर्य के बारे में पढ़ाएं
उसे इतना समय भी दें कि
वह आसमान में उड़ती चिड़िया के धूप में
उड़ती मधुमक्खियों के और हरे पर्वतों पर खिले फूलों
के रहस्यों के बारे में सोच सके
उसे स्कूल में यह भी सिखाएं कि
नकल करने से ज्यादा सम्मानजनक फ़ेल हो जाना है
उसे अपने विचारों में विश्वास करना सिखाएं तब भी
जब सब उसे ग़लत बताएं
उसे विनम्र लोगों से विनम्र रहना
और कठोर व्यक्ति से कठोर व्यवहार करना सिखाएं
मेरे बेटे को ऐसी ताकत दें कि
वह उस भीड़ का हिस्सा न बने जहां
हर कोई खेमे में शामिल होने में लगा है
उसे सिखाएं कि वह सब की सुने लेकिन
उसे यह भी बताएं कि
वह जो कुछ भी सुने
उसे सच्चाई की छन्नी पर छाने और
उसके बाद जो अच्छी चीज बचे उसे ही ग्रहण करे
अगर आप सिखा सकतें हैं तो उसे सिखाएं कि
जब वह दुखी हो तो रोए नहीं
उसे सिखाएं कि आंसू आना शर्म की बात नहीं
उसे सिखाएं कि निंदकों का कैसे मजाक उडाया जाए
और ज्यादा मिठास से कैसे सावधान रहा जाए
उसे बताएं कि अपनी बुद्धि पर घमंड करने से बचे लेकिन
अपने ह्रदय और आत्मा को किसी कीमत पर न बेचे
उसे सिखाएं कि
एक चीखती भीड़ के आगे अपने कान बंद कर ले
और अगर वह अपने को सही समझता है तो
उठ कर लड़े
आप उसे कुछ सिखाना चाहते हैं तो उससे विनम्रता से पेश आएं लेकिन
उसे छाती से न लगाए रखें क्योंकि
आग में ही तप कर लोहा मजबूत बनता है
उसमे साहस आने दें,
उसे अधीर बनने दें,
उसमे बहादुर बनने का धैर्य आने दें
उसे सिखाएं कि वह अपने में गहरा विश्वास रखे
क्योंकि तभी वह मानव जाति में गहरा विश्वास रखेगा
यह एक बड़ी फरमाइश है ...पर देखिये
आप क्या कर सकते हैं क्योंकि यह छोटा बच्चा मेरा बेटा है !
अब्राहम लिंकन (भूतपूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति)

1 comment:

Udai Singh said...

संदीप भाई चिट्ठी पढकर बहुत अच्छा लगा