

FEBRUARY 05, -Hyderabad: Rescue team recover a body fro the debris of an under-construction building that collapsed in Narayanguda area in Hyderabad on Friday.agency
हैदराबाद के निर्माण साइट पर पूरी छत ही ढह गई। दर्जन भर मजदूर जिंदा दफ्न हो गए। छह मजदूर मारे गए। फोटो आई है लेकिन कहीं किसी अखबार में लग जाए तो हमें जरूर बताइएगा। यह है हमारी जमीर, हिंदी पत्रकारिता का।
निर्माण कार्यों में लगे मजदूर जिसमें महिलाओं की संख्या पर्याप्त होती है, रोज मर रहे हैं। खबर छपती है लेकिन सिर्फ सूचना होती है इतने मरे। यह खबर गायब होती है क्या निर्माण कंपनी ने सुरक्षा के मानक अपनाए थे? असल में देश में जो जबरदस्त मुनाफे का कारोबार चल रहा है उसमें सुरक्षा मानकों को न लागू करना भी बचत का एक हिस्सा है। यह अलग बात है कि यह बचत गरीबों-मजदूरों के खून से रंगा हुआ है। नोएडा में जनवरी माह में ही १२ मजदूर मारे गए। किसी को कोई फरक नहीं पड़ता। असल में इस मुनाफे की एक टुकड़ा हमारी जेबों में भी तो जाता है? क्या नहीं जाता है? जरा सोचिए